भारतीय राजनीति और बिज़नेस जगत में इस समय एक खबर ने सबका ध्यान खींचा है। और ये बड़ी चर्चा का विषय है | कहा जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के बेटे की कंपनी ने सिर्फ एक साल में अपनी कमाई ₹17 करोड़ से बढ़ाकर ₹510 करोड़ कर दी। सुनने में यह चमत्कार जैसा लगता है। लेकिन असलियत क्या है? आइए विस्तार से समझते हैं।
कंपनी की ग्रोथ – डेटा क्या कहता है?
- कंपनी का नाम है Cian Agro Industries।
- रिपोर्ट्स के अनुसार, FY24 की पहली तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू लगभग ₹17 करोड़ था।
- लेकिन सिर्फ दो साल के भीतर यह रेवेन्यू बढ़कर ₹510 करोड़ तक पहुँच गया।
- शुद्ध मुनाफ़ा भी ₹10 लाख से उछलकर लगभग ₹52 करोड़ तक पहुँच गया।
यानी ग्रोथ 30 गुना से भी ज़्यादा। ये चीज लोगों को समझ नहीं आ रही है आखिर ऐसा हुवा कैसे क्या सरकार का भी इसमे योगदान है | लोग ये सवाल उठा रहे है | आइए इसको समझते है |
सरकार की एथेनॉल पॉलिसी का असर
भारत सरकार ने हाल के वर्षों में एथेनॉल ब्लेंडिंग (E20 Policy) को तेज़ी से बढ़ावा दिया है। इससे क्या प्रभाव पड़ा है जानते है |
- पेट्रोल में 20% तक एथेनॉल मिलाने का लक्ष्य रखा गया है।
- इससे शुगर और एग्रो-बेस्ड कंपनियों की डिमांड अचानक बढ़ गई।
- Cian Agro जैसी कंपनियों ने इसी पॉलिसी का फायदा उठाया और अपने प्रोडक्शन और बिज़नेस को एक्सपैंड किया। जिससे मार्केट मे उनकी डिमान्ड बढ़ गई |
लेकिन सवाल भी उठते हैं…
इतनी तेज़ी से हुई ग्रोथ ने निवेशकों और एक्सपर्ट्स को हैरान किया है। आखिर इतनी तेजी से इतना ग्रोथ कैसे हो सकता है |
- कंपनी की कमाई का एक बड़ा हिस्सा “Other Income” के रूप में दिखाया गया है, यानी यह सीधे ऑपरेशनल बिज़नेस से नहीं आया है ।
- बैलेंस शीट और कैश फ्लो में भी कुछ गड़बड़ियाँ बताई जा रही हैं, जिससे पारदर्शिता पर सवाल उठते हैं।
- शेयर मार्केट में कंपनी का स्टॉक 13 महीने में 1700% तक बढ़ चुका है, जो असामान्य है और रिस्क भी बढ़ाता है।
लोगों की राय
- कुछ लोग कहते हैं कि यह सिर्फ सरकारी नीतियों का सही समय पर फायदा उठाना है। जिससे इतना ग्रोथ देखने को मिला है |
- वहीं आलोचक मानते हैं कि इतनी तेज़ी में ग्रोथ “सस्टेनेबल” नहीं है और इसमें राजनीतिक प्रभाव भी शामिल है | इसको डायरेक्ट नितिन गडकरी से जोड़ा जा रहा है |
निष्कर्ष
Cian Agro की यह ग्रोथ भारतीय कॉर्पोरेट सेक्टर में एक बड़ी घटना है।
- एक तरफ यह दिखाता है कि सरकारी नीतियाँ कैसे बिज़नेस का चेहरा बदल सकती हैं।
- दूसरी तरफ यह भी याद दिलाती है कि निवेश करने से पहले पारदर्शिता और असली कमाई के स्रोतों को समझना बहुत ज़रूरी है।
आने वाले महीनों में कंपनी की परफ़ॉर्मेंस और रिपोर्ट्स यह साफ़ करेंगी कि यह उछाल वास्तव में ठोस बिज़नेस ग्रोथ है या सिर्फ कागज़ी आंकड़ों का खेल
इन सभी मामलों मे आपकी क्या राय है कमेन्ट बॉक्स मे अपनी राय जरूर बताए | ऐसे ही न्यूज देखने के लिए जुड़े रहे सोच एक्स्प्रेस के साथ |