Operation Mahadev श्रीनगर के जंगलों में तीन आतंकवादी ढेर, एक की पहचान सुलैमान शाह उर्फ मुशा फौजी के रूप में

Two Indian special force commandos in camouflage gear during Operation Mahadev in a damaged urban setting

श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर


देश की सुरक्षा में लगे जवानों ने एक बार फिर साबित कर दिया कि आतंक को भारत की धरती पर पनपने नहीं दिया जाएगा। हाल ही में श्रीनगर के घने जंगलों में हुए “ऑपरेशन महादेव” के तहत सुरक्षाबलों ने तीन खूंखार आतंकवादियों को मार गिराया।

इन आतंकियों में से एक की पहचान सुलैमान शाह उर्फ मुशा फौजी के रूप में हुई है। जो की पालगाम हमले का मास्टर माइन्ड भी है यह नाम सुरक्षा एजेंसियों की वांछित लिस्ट में पहले से शामिल था। जानकारी के अनुसार, मुशा फौजी पाकिस्तान से रिटायर फौजी है | जो की पहले पाकिस्तान आर्मी मे था और वही से ट्रेनिंग लेकर कश्मीर घाटी में आतंक फैलाने का काम करता था लेकिन आधिकारिक तोर पर इसकी पुस्ति नहीं हुई है की जो तीन आतंकवादी मारे गए है उसमे से एक सुलैमान शाह उर्फ मुशा फौजी है ।

ऑपरेशन कैसे हुआ?

सूत्रों के मुताबिक, खुफिया इनपुट मिलने के बाद सेना, 24 राष्ट्रीय रायफल के साथ 4 पैरा कमांडो और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त टीम ने आपरेसन सुरू किया बताया गया की श्रीनगर के डाची गाव से लगे बाहरी इलाके के जंगलों में आतंकवादियों के movement का खुफिया जानकारी मिला था सर्च ऑपरेशन शुरू किया।
जैसे ही आतंकियों की मौजूदगी की पुष्टि हुई, ऑपरेशन को ‘कोडनेम महादेव’ के तहत शुरू किया गया। लगभग 14 दिनों तक आतंकवादियों को ट्रैक किया गया |

करीब 12 घंटे चली इस मुठभेड़ में 28 जुलाई सुबह 11 बजे सुरक्षाबलों ने तीनों आतंकियों को ढेर कर दिया।

कौन था सुलैमान शाह उर्फ मुशा फौजी?

  • पूर्व में सेना में काम कर चुका था
  • बाद में कट्टरपंथी संगठनों से जुड़कर सीमा पार चला गया
  • पाकिस्तान के POK इलाके में आतंकी ट्रेनिंग ली
  • घाटी में युवाओं को बरगलाकर आतंक के रास्ते पर ले जाने की कोशिश करता था
  • कई आतंकी हमलों की साजिश में शामिल होने का शक
  • पालगाम हमले का मास्टर माइन्ड भी बताया जाता है

अधिकारियों का क्या कहना है?

एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार:

यह ऑपरेशन हमारे लिए सिर्फ एक सफलता नहीं, बल्कि एक संदेश है — भारत की सरज़मीं पर आतंक को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

🇮🇳 ऑपरेशन महादेव का महत्व

इस ऑपरेशन को ‘महादेव’ नाम देना भी प्रतीकात्मक माना जा रहा है। और इस समय सावन का महिना भी चल रहा है | भगवान शिव को विनाश और न्याय के देवता माना जाता है। ऐसे में यह ऑपरेशन भी आतंक के विनाश और न्याय की स्थापना की ओर एक कदम माना जा रहा है।


निष्कर्ष

“ऑपरेशन महादेव” से एक बार फिर यह साबित हो गया है कि भारतीय सुरक्षा बल आतंक के खिलाफ पूरी तरह सतर्क और सक्षम हैं। आतंक की हर साजिश को जवान अपने साहस और रणनीति से नाकाम कर रहे हैं। अगर कोई आतंक फैलाता है तो भारतीय सेना उसे नहीं छोड़ेगी |

🙏 शहीदों को नमन और सुरक्षाबलों को सलाम।

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